तर्कवाक्य : स्वरूप, संरचना एवं उनके प्रकार (Proposition: Nature, Structure and its Type)

Structure of Proposition तर्कशास्त्रीय तर्क (Logical Reasoning) का संबंध तर्कशास्त्र से है जैसा कि हम लोग जानते हैं कि लॉजिकल रीजनिंग का महत्वपूर्ण विषय वस्तु है जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इस से प्रश्न पूछे जाते हैं।
तर्कशास्त्र अंग्रेजी में Logic कहते हैं लॉजिक शब्द का ग्रीक भाषा के Logos से बना है जिसका तात्पर्य शब्द या विचार है। Logos का एक अर्थ में तर्क (Reason) भी है। विचार मन की एक प्रक्रिया है जो हर आदमी में के मन में हमेशा चलती रहती है। विचार को भाषा के द्वारा व्यक्त किया जाता है। अतः तर्कशास्त्र की परिभाषा दी जा सकती है कि तर्कशास्त्र विचारों का विज्ञान है जिसकी अभिव्यक्ति भाषा के द्वारा होती है।

Logic is the science of thought expressed in language.

भाषा के माध्यम से अभिव्यक्त निर्णय को तर्कवाक्य (Proposition) कहते हैं। जब विचारों की अभिव्यक्ति भाषा के माध्यम से होती है तो उसे निर्णय कहते हैं। निर्णय एक मानसिक प्रक्रिया है जो दो या दो से अधिक प्रत्ययों को एक साथ संयोजित किया जाता है। जैसे ‘गुलाब लाल है’ एक निर्णय है। कोई भी निर्णय दो रूपों में अभिव्यक्त होता है – भावात्मक (Affirmative) या निषेधात्मक (Negative)। साथ ही साथ निर्णय सत्य या असत्य होता है। इस प्रकार तर्कशास्त्र भाषा में अभिव्यक्ति विचारों का विज्ञान है। भाषा के माध्यम से दो पदों के बीच अभिव्यक्त संबंध को तर्क वाक्य कहते हैं।

तर्कवाक्य की संरचना – स्वरूप

विद्यार्थियों को तर्कवाक्य के स्वरूप एवं उनकी संरचना और प्रकार की जानकारी होनी चाहिए। ताकि वे तर्कशास्त्रीय तर्क का सही-सही हल कर सकें।

किसी भी तर्कवाक्य के तीन भाग होते हैं – उद्देश्य (Subject), विधेय (Predicate), तथा संयोजक (Copula)।

उद्देश्य – जिस के संबंध में कुछ कहा जाए।

विधेय – उद्देश्य के संबंध में जो कुछ कहा जाए।

संयोजक – उद्देश्य तथा विधेय को संयुक्त करने वाली क्रिया।

किसी भी तर्कवाक्य में दो पद (Term) होते हैं – उद्देश्य एवं विधेय।

तर्कवाक्य के संयोजक वर्तमान काल में होता है। अर्थात तर्कवाक्य में क्रिया होती है – है, हूँ, हैं, नहीं है, नहीं हूँ, नहीं हैं, (is, am, are, is not, am not, are not)

तर्कवाक्य चार प्रकार

  • तर्कवाक्य चार प्रकार के होते हैं – A, E, I, O
  • परिमाण के आधार पर तर्कवाक्य दो प्रकार के होते हैं – सामान्य तर्कवाक्य तथा विशेष तर्कवाक्य।
  • गुण के आधार पर तर्क वाक्य दो प्रकार के होते हैं – भावात्मक और निषेधात्मक।
  • परिमाण (Quantity) एवं गुण (Quality) के आधार पर तर्कवाक्य चार प्रकार के होते हैं –
  • सामान्य भावात्मक तर्कवाक्य (Universal Affirmative Proposition)
  • सामान्य निषेधात्मक तर्कवाक्य (Universal Negative Proposition)
  • विशेष भावात्मक तर्कवाक्य (Particular Affirmative Proposition)
  • विशेष निषेधात्मक तर्कवाक्य (Particular  Negative Proposition)

जिसका संकेतिक रूप क्रमशः A, E, I, O है।

सभी मनुष्य शिक्षक हैं (All men are teacher) – A

कोई भी मनुष्य शिक्षक नहीं हैं (No men are teacher) – E

कुछ मनुष्य शिक्षक हैं (Some men are teacher) – I

कुछ मनुष्य शिक्षक नहीं है – (Some men are not teacher) – O

(उपरोक्त सभी बिन्दुओ का अध्ययन कर लें ताकि आगे समझने में आसानी होगी)

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