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Research Aptitude

शोध के उपयोग व महत्व (Use and Important of Research)

शोध प्रत्येक मानव ज्ञान में अभिवृद्धि और प्रत्येक समाज व राष्ट्र के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। किसी भी विषय क्षेत्र में शोध के बिना प्रगति और विकास संभव नहीं है। जिन राष्ट्रों ने शोध के महत्व को समझ लिया है वह निरंतर प्रगति के पथ पर आगे है और आगे बढ़ रहे हैं।

मानव के बौद्धिक विकास में सहायक

शोध से ना केवल विज्ञानों का विकास हुआ है बल्कि इससे मानव का भी अपार बौद्धिक विकास हुआ है उसकी चिंतन शक्ति, कल्पना शक्ति, विश्लेषण शक्ति तथा सृजनात्मक शक्ति के विकास में शोध सहायक सिद्ध हुआ है।

प्रगति में सहायक

शोध से सामाजिक प्रगति के साथ-साथ विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में प्रगति एवं विकास हुआ है जिसके कारण मानवीय सभ्यता व संस्कृति के साथ ही साथ विज्ञान और तकनीकी में भी विकास हुआ है।

समस्याओं का समाधान में सहायक

शोध द्वारा न केवल सैद्धांतिक ज्ञान विकसित एवं विस्तृत हुआ है बल्कि इससे अनेक व्यवहारिक समस्याओं के समाधान में सहायक सिद्ध हुआ है, जिससे सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, मनोवैज्ञानिक एवं व्यवहारिक रूप से देश व समाज प्रगति किया है और कर रहा है।

ज्ञान भंडार में वृद्धि में सहायक

शोध के द्वारा नित्य प्रतिदिन नए वैज्ञानिक तथ्यों, सामान्य नियमों एवं सिद्धांतों व विचारों का प्रतिपादन हो रहा है। अतः नवीन ज्ञान का सृजन विस्तार तथा विकास नियमित रूप से होता रहता है, जिससे ज्ञान में वृद्धि होती है।

शासन एवं प्रशासन के मार्गदर्शक में सहायक

वर्तमान में सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, औद्योगिक एवं शैक्षणिक क्षेत्रों से संबंधित प्रशासकों व प्रबंधकों को उपयुक्त आंकड़े के अभाव में आवश्यक नीति निर्धारण में कठिनाई होती है। विभिन्न प्रकार के अध्ययनों व शोधों से प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक सूचना प्राप्त होने पर प्रशासकों व प्रबंधकों को नीति निर्धारण संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश प्राप्त होते रहता है।

शोध से नई सोच को बढ़ावा

शोध से वैज्ञानिक सोच का विकास होता है। चूँकि शोध में आलोचनात्मक एवं तर्कपूर्ण चिंतन किया जाता है, इससे वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा मिलता है। वैज्ञानिक सोच ही मानवता को प्रगति और अभ्युदय की ओर ले जाती है।

शोध से नए आयाम

किसी भी विषय में हो रहे शोध अध्ययन से उसकी संरचना में परिवर्तन, परिवर्धन एवं परिमार्जन संबंधी सुझाव प्राप्त किया जा सकता है और इसके विकास हेतु नई तकनीकों का विकास किया जा सकता है और नित्य प्रतिदिन समस्याओं का बेहतर हल निकाल कर नई तकनीकी का प्रयोग किया जा सकता है इस प्रकार शोध से नए आयाम का सृजन होता है।