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राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (Rashtriya Avishkar Abhiyan – RAA)

Rashtriya Avishkar Abhiyan – RAA राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (RAA) योजना भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) द्वारा शुरू किया गया एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसे 9 जुलाई 2015 को लॉन्च किया गया था। यह अभियान विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी के प्रति स्कूली छात्रों में रुचि और नवाचार की भावना विकसित करने के लिए बनाया गया है। यह अभियान भारत में वैज्ञानिक जागरूकता और नवाचार संस्कृति को विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बच्चों को विज्ञान और गणित के प्रति आकर्षित करने में मदद करता है।

स्कूल आधारित ज्ञान को स्कूल से बाहर के जीवन से जोड़ने तथा विज्ञान गणित की शिक्षा को आनंदपूर्ण और सार्थक गतिविधि बनाने, नवाचार और प्रौद्योगिकी के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने के लिए, शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (आरएए) की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य बच्चों में जिज्ञासा और रचनात्मकता की भावना, विज्ञान और गणित के प्रति प्रेम और प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग करना तथा इन विषयों के प्रति रुझान और प्रतिभा दिखाने वालों को प्रोत्साहित करना और उन्हें अकादमिक उत्कृष्टता और अनुसंधान की ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए समर्थन देना है।

Table of Contents

राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (RAA) योजना

राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (RAA) के उद्देश्य (Objectives of Rashtriya Avishkar Abhiyan – RAA))

राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (RAA) का मुख्य उद्देश्य छात्रों में विज्ञान, गणित और तकनीकी शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाना और उन्हें एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचार की संस्कृति विकसित करना है। यह अभियान छात्रों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान (Theoretical Knowledge) प्रदान करता है बल्कि उन्हें प्रायोगिक (Practical) और अनुसंधान आधारित शिक्षा के लिए भी प्रेरित करता है। यह अभियान छात्रों को अनुसंधान, प्रयोग और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसके माध्यम से सरकार स्कूली छात्रों को विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी से जोड़कर, उन्हें नवाचार, अनुसंधान और उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है।

इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

1. विज्ञान और गणित के प्रति रुचि बढ़ाना (Promoting Interest in Science and Mathematics)

  • स्कूली छात्रों को विज्ञान और गणित के प्रति आकर्षित करना और इन विषयों को रोचक बनाना।
  • विद्यालयों में विज्ञान और गणित की पढ़ाई को रोचक बनाना ताकि छात्र इन्हें कठिन विषयों के रूप में न देखें।
  • शिक्षण विधियों में नवाचार लाकर छात्रों को व्यावहारिक (practical) और प्रायोगिक (experimental) शिक्षा से जोड़ना।
  • खेल-खेल में सीखने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना, जिससे जिज्ञासा बढ़े और आत्मनिर्भर सोच विकसित हो।

2. नवाचार (Innovation) और अनुसंधान को प्रोत्साहित करना

  • अनुसंधान, प्रयोग और नवाचार को बढ़ावा देना ताकि छात्र नई खोजों और विचारों के प्रति प्रेरित हों।
  • छात्रों को समस्या समाधान (Problem-solving) और अनुसंधान (Research) आधारित शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करना।
  • वैज्ञानिक गतिविधियों, प्रयोगों और परियोजनाओं (projects) के माध्यम से रचनात्मकता (Creativity) को बढ़ावा देना।
  • नवाचार क्लब (Innovation Clubs) और टिंकरिंग लैब्स (Tinkering Labs) की स्थापना करना, जहां छात्र अपने विचारों को मूर्त रूप दे सकें।

3. शिक्षकों की क्षमता निर्माण (Capacity Building of Teachers)

  • शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण तकनीकों और नवाचार आधारित शिक्षा के लि प्रशिक्षित करना ताकि वे छात्रों को विज्ञान और गणित के प्रति प्रेरित कर सकें।
  • डिजिटल शिक्षा, ई-लर्निंग और स्मार्ट क्लासरूम जैसी सुविधाओं का उपयोग बढ़ाना।
  • शिक्षकों को नई खोजों, अनुसंधानों और तकनीकों से अवगत कराना ताकि वे छात्रों को नवीनतम ज्ञान प्रदान कर सकें।

4. विद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच समन्वय (Collaboration between Schools and Higher Institutions)

  • आईआईटी (IITs), एनआईटी (NITs), आईआईएसईआर (IISERs) जैसे अन्य प्रमुख प्रतिष्ठित संस्थानों की मदद से स्कूली शिक्षा को बेहतर और उन्नत बनाना।
  • उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और प्रोफेसरों को विद्यालयों से जोड़ना, ताकि वे स्कूली छात्रों का मार्गदर्शन कर सकें।
  • विज्ञान और गणित शिक्षण में उद्योगों (Industries) और अनुसंधान संस्थानों (Research Institutes) की भागीदारी को बढ़ावा देना।

5. ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों के छात्रों पर विशेष ध्यान (Focus on Rural and Underprivileged Students)

  • सरकारी विद्यालयों और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को वैज्ञानिक शिक्षा से जोड़ना ताकि वे भी तकनीकी रूप से सक्षम बन सकें।
  • स्थानीय भाषा में शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराना ताकि अधिकतम छात्र विज्ञान और गणित को समझ सकें।
  • वंचित समुदायों के छात्रों को प्रायोगिक शिक्षण सामग्री और लैब सुविधाएं प्रदान करना।

6. वैज्ञानिक सोच और समस्या समाधान कौशल विकसित करना (Developing Scientific Temperament and Problem-Solving Skills)

  • छात्रों में तर्कसंगत (Logical) और वैज्ञानिक सोच (Scientific Temperament) विकसित करना।
  • उन्हें वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करना।
  • छात्रों को परियोजना आधारित शिक्षण (Project-Based Learning) और व्यावहारिक कार्यों में शामिल करना।

7. डिजिटल और प्रायोगिक शिक्षा को बढ़ावा देना (Promoting Digital and Experimental Learning)

  • ई-लर्निंग (E-Learning) और स्मार्ट क्लास (Smart Class) जैसी डिजिटल तकनीकों का उपयोग बढ़ाना।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स (Robotics), 3D प्रिंटिंग और अन्य आधुनिक तकनीकों को पाठ्यक्रम में शामिल करना।
  • प्रयोगशालाओं (Science Labs) और नवाचार केंद्रों (Innovation Centers) का विकास करना ताकि छात्र खुद प्रयोग करके सीख सकें।

8. विज्ञान और गणित प्रदर्शनी, कार्यशालाओं और प्रतियोगिताओं का आयोजन

  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की विज्ञान प्रदर्शनियों (Science Exhibitions), गणित मेलों (Math Fairs) और नवाचार प्रतियोगिताओं का आयोजन।
  • छात्रों को वैज्ञानिक सम्मेलनों (Scientific Conferences) और अनुसंधान कार्यशालाओं में भाग लेने का अवसर देना।
  • विज्ञान और गणित विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार और छात्रवृत्ति (Scholarship) प्रदान करना।

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