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कंप्यूटर टेक्नोलॉजी: अर्थ, इतिहास और उसका विकास

प्रस्तुत आलेख कंप्यूटर टेक्नोलॉजी: अर्थ, इतिहास और उसका विकास में कम्प्यूटर के इतिहासिक विकास के विभिन्न पहलू पर विस्तृत अध्ययन किया गया है। जो विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा के लिए अध्ययन आवश्यक होता है।

कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का अर्थ (Meaning of Computer Technology)

Computer Technology (कंप्यूटर टेक्नोलॉजी) का तात्पर्य यह है कि सूचना एवं संचार के क्षेत्र में कंप्यूटर के अनुप्रयोग से है। कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी भाषा के कंप्यूटर शब्द से हुई है, जिसका तात्पर्य गणना करना होता है। कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो आंकड़ों को एक निश्चित प्रारूप में ग्रहण करती है, इन आंकड़ों को संसाधित करती है और निश्चित प्रारूप में आंकड़े को निर्गत करती है।

कंप्यूटर एक विद्युतीय तंत्र है जो दिए गए अनुदेशों (इंटरेक्शंस) तथा प्रोग्राम के अंतर्गत सटीकता, विश्वसनीयता और असाधारण गति से इच्छित डाटा को स्वीकृत एवं संधारित करता है और उसका विश्लेषण कर उसे सूचना के रूप में संप्रेषित करता है। कंप्यूटर द्वारा डाटा अर्थात् सूचना का संग्रहण, प्रस्तुतीकरण और पुनः प्राप्ति का कार्य किया जाता है। इसलिए इसे डाटा प्रोसेसर भी कहा जाता है। प्रारंभ में इसका उपयोग गणनात्मक कार्यों के लिए किया गया। परंतु अब इसका कार्य क्षेत्र बहुत विकसित हो चुका है।

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसका प्रयोग मानव के प्रत्येक क्रियाकलापों में अधिक से अधिक हो रहा है। कंप्यूटर को प्रोसेसर, कैलकुलेटर, माइक्रो प्रोसेसर, कृत्रिम बुद्धि, आर्टिफिशियल आदि नाम से भी जाना जाता है। सूचना केंद्र में इसका प्रयोग सूचना के संग्रहण और संप्रेषण में किया जाता है। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का महत्वपूर्ण योगदान है।

कंप्यूटर का इतिहास (History of Computer)

कंप्यूटर के स्वरूप की सही रूपरेखा तब सामने आई जब सन 1889 ई. में अमेरिकी वैज्ञानिक डॉक्टर हर्मन हालरिथ ने कार्डो में छेद कर गणना करने की नवीन पद्धति का आविष्कार किया। गणना करने की यह मशीन विद्युत से चलने वाली मशीन थी। इस यंत्र ने कंप्यूटर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हर्मन ने कंप्यूटर विज्ञान को व्यापक रूप देने के लिए कंप्यूटर निर्माण संस्था की स्थापना की साथ ही उन्होंने अनेक प्रकार के विद्युतीय गणना-यंत्र बनाए। विषय की आवश्यकता के अनुसार अनुरूप जटिल प्रक्रियाओं से युक्त कंप्यूटर का निर्माण कार्य आरंभ हो गया।
द्वितीय विश्व युद्ध के आसपास के काल में कंप्यूटर विज्ञान का तेजी से विकास हुआ। कंप्यूटर की सहायता से विमान के डिजाइन बनाने लगे कंप्यूटर द्वारा गणना कर शस्त्रों को वांछित निशाने पर छोड़ा जाने लगा। किंतु बृहद होने के कारण इनका प्रयोग सुगमता से करना संभव नहीं था। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एकेन ने आईबीएम कंपनी के वैज्ञानिकों के सहयोग से प्रथम स्वचालित कंप्यूटर बनाया, जिसका नाम ऑटोमेटिक सीक्वेंस कंट्रोल कैलकुलेटर (ASCC) रखा गया जिसका लोकप्रिय नाम हार्वर्ड मार्क-1 था। इसका आकार 50 फीट लंबा तथा 8 फीट ऊंचा था। कालांतर में अमेरिकी सैन्य विभाग के सहयोग से 1946 ईस्वी में निर्मित ‘एनियाक’ आधुनिक कंप्यूटर के रूप में सामने आया जो एक सेकंड में 5000 जोड़ कर सकता था। यह इलेक्ट्रॉनिक सिद्धांतों पर आधारित एक विशाल कंप्यूटर था जो 30 टन वजन और 150 वर्ग मीटर स्थान में था, जिसमें वैक्यूम ट्यूब का इस्तमाल किया जाता था।

कंप्यूटर का विकास (Development of Computer)

कंप्यूटर के जनक अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्स बैबेज को माना जाता है। उन्होंने सन 1822 ईस्वी में ‘डिफरेंशियल इंजन’ का आविष्कार किया था, जो आधुनिक कंप्यूटर से काफी मिलता-जुलता मशीन था। आधुनिक कंप्यूटर का सर्वप्रथम निर्माण अमेरिकी सैन्य विभाग के सहयोग से सन 1946 ईस्वी में ‘एनियाक’ ( ENIAC) का निर्माण किया गया, जिसमें केंद्रीय संसाधक के रूप में वाल्व या वैक्यूम ट्यूब (Valve or Vacume Tube) का प्रयोग किया गया। यह प्रथम पीढ़ी का कंप्यूटर था।
कंप्यूटर की दूसरे द्वितीय पीढ़ी जिसमें वैक्यूम ट्यूब का स्थान सेमी कंडक्टर (Semi Conductor) ने ले लिया। जिसके परिणाम स्वरुप कंप्यूटर का आकार 100 गुना छोटा हो गया। कालांतर में कंप्यूटर के विकास पीढ़ी दर पीढ़ी होता गया। कंप्यूटर का आकार में छोटा एवं तीव्र क्षमता वाला बनता चला गया।
कंप्यूटर की तृतीय पीढ़ी में सेमीकंडक्टर का स्थान संघटित परिपथ (Integrated Circuit- इंटीग्रेटेड सर्किट) का उपयोग किया गया। चौथी पीढ़ी में माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग कर कंप्यूटर को विकसित किया गया, जिससे इन कंप्यूटरों का आकार अत्यंत छोटा और इसकी क्षमता और गति में अमूर्त वृद्धि हो गई। आधुनिक कंप्यूटर नैनो सेकंड में कार्य कर रहा है। कंप्यूटर के क्रमशः विकास की गति जारी है इसमें शोध एवं अनुसंधान समय की गति के साथ जारी है। कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी प्रयोगात्मक अवस्था में है, जिसमें कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligence – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) विकसित करने का प्रयास चल रहा है। आज कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी हमारे सामने है जो तीव्र क्षमता के साथ-साथ कृत्रिम मेधा की क्षमता रखता है।

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