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Figure of Syllogism – न्याय के आकार

न्याय के आकार एवं उसके विशेष नियम

Figure of Syllogism न्याय का आकार उसके मध्यवर्ती पद के स्थान पर निर्भर करता है। मध्यवर्ती पद दोनों आधार वाक्यों में होता है। इसलिए दोनों आधार वाक्यों में वह पद किस स्थान पर है, उसी के आधार पर किसी भी सिलाजिस्म अर्थात न्याय का आकार निर्भर करता है।

जैसा कि हम लोग जान चुके हैं कि न्याय युक्ति में केवल तीन आधार वाक्य एवं तीन पद (वृहद पद, लघु पद और मध्यवर्ती पद) होता है। न्याय का आकार (Figure of Syllogism) मध्यवर्ती पद आधार वाक्यों में स्थान के आधार पर निर्धारित होता है। अर्थात आकार, न्याय का वह रूप है जिसका निर्धारण वृहद पद तथा लघु पद के संबंध में मध्यवर्ती पद के स्थान के आधार पर किया जाता है। मध्यवर्ती पद की स्थिति के आधार पर न्याय के चार आकार होते हैं।

Figure of Syllogism

Figure of Syllogism
Figure of Syllogism - न्याय के आकार

प्रथम आकार (First Figure)

जब मध्यवर्ती पद वृहद आधार वाक्य में उद्देश्य के स्थान पर और लघु आधार वाक्य में विधेय के स्थान पर होता है, तो उसे प्रथम आकार कहते हैं।

प्रथम आकार (First Figure)
  • S – Subject (Major Term)
  • P – Predicate (Minor Term)
  • M – Middle Term

प्रथम आकार के विशेष नियम

न्याय युक्ति वैद्य होने के लिए

  • प्रथम आकार में वृहद आधार वाक्य पूर्णव्यापी होगा।
  • प्रथम आकार में लघु आधार वाक्य भावात्मक होगा।

द्वितीय आकार (Second Figure)

जब मध्यवर्ती पद वृहद आधार वाक्य तथा लघु आधार वाक्य दोनों में विधेय स्थान पर होता है, तो उसे द्वितीय आकार कहते हैं।

द्वितीय आकार (Second Figure)
  • P – Predicate (Minor Term)
  • S – Subject (Major Term)
  • M – Middle Term

द्वितीय आकार के विशेष नियम

न्याय युक्ति वैद्य होने के लिए

  • द्वितीय आकार में वृहद आधार वाक्य पूर्वव्यापी होगा।
  • द्वितीय आकार में एक आधार वाक्य अवश्य निषेधात्मक होगा।
  • द्वितीय आकार में निष्कर्ष अवश्य निषेधात्मक होगा।

तृतीय आकार (Third Figure)

जब मध्यवर्ती पद दोनों आधार वाक्यों में उद्देश्य के स्थान पर होता है तो उसे तृतीय आकार कहते हैं।

तृतीय आकार (Third Figure)

तृतीय आकार के विशेष नियम

न्याय युक्ति वैद्य होने के लिए

  • तृतीय आकार में लघु आधार वाक्य भावात्मक होगा।
  • तृतीय आकार में निष्कर्ष अवश्य अंशव्यापी होगा।

चतुर्थ आकार (Fourth Figure)

जब मध्यवर्ती पद वृहद आधार वाक्य में विधेय के स्थान पर और लघु आधार वाक्य में उद्देश्य के स्थान पर होता है, तो उसे चतुर्थ आकार कहते हैं।

चतुर्थ आकार (Fourth Figure)

चतुर्थ आकार के विशेष नियम

न्याय युक्ति वैद्य होने के लिए चतुर्थ आकार में,

  • यदि वृहद आधार वाक्य भावात्मक है तो लघु आधार वाक्य पूर्णव्यापी होगा।
  • यदि लघु आधार वाक्य भावात्मक है तो निष्कर्ष अंशव्यापी होगा।
  • चतुर्थ आकार में निष्कर्ष पूर्णव्यापी भावात्मक नहीं होगा।
  • चतुर्थ आकार में कोई भी आधार वाक्य अंशव्यापी निषेधात्मक नहीं होगा।

न्याय आकार के सूत्र

Spancer is happy to kiss the lips

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