संचार एक प्रक्रिया है जिसमें किसी सूचना, विचार, दृष्टिकोण, ज्ञान या भावनाओं इत्यादि का संप्रेषण संकेतों, शब्दों, चित्र, ग्राफ इत्यादि के माध्यम से किया जाता है। संचार प्रक्रिया में मुख्य रूप से सूचना-स्रोत, संदेश और प्राप्तकर्ता साथ के साथ माध्यम तथा फीडबैक का होना आवश्यक होता है। किसी भी संचार प्रक्रिया को प्रभावी एवं अर्थ पूर्ण बनाने में उसके तत्वों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। संचार प्रक्रिया में प्रमुख रूप से निम्न मूलभूत तत्वों का समावेश होता है।
1. सूचना स्रोत/संप्रेषक (Information Sources/Communicator)
सूचना स्रोत का सामान्य अभिप्राय उस स्थल से है जहां से सूचना संदेश अथवा विचारों की उत्पत्ति होती है। सूचना स्रोत एक व्यक्ति, समाज या संस्था कोई भी हो सकता है। यह संचार प्रक्रिया का आरंभिक और महत्वपूर्ण बिंदु होता है।
2. संदेश/सूचना (Massage/Information)
चयनित सूचना अथवा अपने विचारों को संप्रेषक बोलकर, लिखकर, चित्र अथवा संकेत के माध्यम से प्रस्तुत करता है, वह संदेश कहलाता है। यह सूचना स्रोत के मूल विचारों का अर्थ पूर्ण ढंग से प्रतिनिधित्व करता है। संदेश अपने कुछ निर्धारित प्रतिमानों के आधार पर साकार रूप धारण करता है। इसमें भाषा अर्थ, संदर्भ, स्वरूप आदि महत्वपूर्ण होते हैं। संदेश लिखित, मौखिक, संकेत आदि किसी रूप में हो सकता है।
3. संकेतीकरण (Encoding)
सूचना स्रोत से प्राप्त सूचना या संदेश को संकेतों के रूप में परिवर्तित करना संकेतीकरण कहलाता है। जब किसी मूल विचारों, सूचनाओं या संदेशों को किसी कृत्रिम भाषा के निर्धारित प्रतीको, चिन्हों, या संकेतों में अनुवाद या परिवर्तित कर प्रस्तुत किया जाता है। संकेतीकरण संचार प्रक्रिया की एक महत्वपूर्ण तत्व है जो सूचना संदेश को कृत्रिम भाषा में परिवर्तित कर प्राप्तकर्ता तक पहुंचाता है।
4. संचार साधन/माध्यम (Communication Channel)
संचार प्रक्रिया में संचार साधन या संचार वाहक वह तत्व है जिसके माध्यम से सूचना स्रोत से श्रोता तक संदेश/सूचना पहुंचता है। मौखिक संचार के अंतर्गत बोलने वाले तथा सुनने वाले के मध्य वायु संचार माध्यम का कार्य करता है। लिखित संचार के अंतर्गत कलम तथा कागज संचार माध्यम होते हैं। रेडियो प्रसारण या टेलीविजन प्रसारण में वायु तरंगें संचार माध्यम का कार्य करती है। संचार वाहक/साधन वह मार्ग है जिसके माध्यम से संप्रेषण का कार्य संपादित की जाती है। अर्थात् जिसके माध्यम से प्रेषक द्वारा प्रेषित संदेशों को प्राप्तकर्ता ग्रहण करता है।
5. संकेत विवेचन (Decoding)
कृत्रिम भाषा के संकेतों को ग्रहण कर उन्हें मूल भाषा में परिवर्तित करने की प्रक्रिया संकेत विवेचन कहलाती है। संकेत विवेचन का कार्य सूचनाओं अथवा संदेशों की व्याख्या कर संकेतों को मूल रूप में परिवर्तित करना होता है। संकेत विवेचन कोई व्यक्ति हो सकता है अथवा उपकरण जिसमें टेलीफोन कंप्यूटर आदि सम्मिलित हो सकता है। जन सूचना अथवा संदेश का निर्धारित प्रतीकों अथवा संकेतों के उचित संदेशवाहक के माध्यम से होकर पुनः सूचनाओं और संदेशों को मूल स्वरूप में बदलने की प्रक्रिया संकेत विवेचन डिकोडिंग कहलाता है।
6. प्राप्तकर्ता/गंतव्य (Receiver/Destination)
सूचना स्रोत से प्रेषित किए गए संदेश/ सूचना को प्राप्त करने वाला व्यक्ति या उपकरण प्रापक रिसीवर कहलाता है। मौखिक संवाद संचार के अंतर्गत सुनने वाला व्यक्ति प्रापक/रिसीवर होता है और इलेक्ट्रॉनिक मैग्नेटिक संचार प्रक्रिया के अंतर्गत विभिन्न उपकरण जैसे- टेलीविजन, टेलीफोन, मोबाइल फोन, कम्प्यूटर, टेलीप्रिंटर आदि सूचना के प्रापक/रिसीवर होते हैं। किंतु अंतिम गंतव्य का गंतव्य स्थल कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह होता है जिसके लिए संदेश प्रेषित या संप्रेषित किया जाता है इस प्रकार जिन व्यक्तियों या समूहों के लिए संदेश या सूचना महत्वपूर्ण होता है उन तक पहुंचाना ही संदेश/सूचना का गंतव्य होता है।
7. प्रतिपुष्टि (Feedback)
जब प्राप्तकर्ता संदेश प्राप्त करने के पश्चात उस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है तो उसे प्रतिपुष्टि/फीडबैक कहते हैं। प्रतिपुष्टि संचार प्रक्रिया का अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व होते हैं जो संचार प्रक्रिया को पूर्ण तथा सफल बनाता है। संचार प्रक्रिया में सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है जिसकी प्रतिक्रिया अवश्य मिलती है। संचार प्रक्रिया में जब कोई सूचना/संदेश को संचार-माध्यम से प्राप्तकर्ता को मिलती है, तत्पश्चात प्रतिक्रिया स्वरूप सूचना संप्रेषण को अवश्य मिलती है। यह प्रतिपुष्टि फेस टू फेस प्राप्तकर्ता के मुस्कुराहट या अन्य हावभाव के द्वारा तुरंत प्रतिक्रिया स्वरूप मिलती है।
इस प्रकार स्रोत (Source), संदेश (Massage/Information), माध्यम (Channel), प्राप्तकर्ता (Receiver) फीडबैक (Feedback संचार प्रक्रिया के आवश्यक तत्व है।
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संचार प्रक्रिया (Communication Process)
संचार प्रक्रिया निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत हम लोग अनुभव, विचारों, संवेदना, सूचनाओं का आदान प्रदान (संप्रेषण) करते हैं। यह संप्रेषण की प्रक्रिया प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से संपन्न होती है। संचार प्रक्रिया के तत्व में मुख्यतः स्रोत (Source), संदेश (Massage/Information), प्राप्तकर्ता (Receiver). के साथ माध्यम (Channel) और फीडबैक (Feedback) सम्मिलित होकर कार्य करते हैं। संचार प्रक्रिया में व्यक्ति, संस्था संचालक संदेश को प्रेषित करते हैं और प्राप्तकर्ता रिसीवर उसे प्राप्त करते हैं। संचार चक्र के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति निरंतर सूचना को संकेतक (Encoding) के रूप में उचित माध्यम द्वारा पहुंचाता है और प्राप्तकर्ता संकेतकों (Encodings) को मूल विचारों/सूचनाओं में परिवर्तित (Decoding) कर उपयोग में लाता है। यह सूचना-चक्र निरंतर चलते रहता है।