संचार के विभिन्न स्तरों के आधार पर विभिन्न रूप में वर्गीकृत वर्गीकृत किया जा सकता है। प्रतिभागी की संख्या के आधार पर, बहाव दिशा (Direction of flow), अभिव्यक्ति के आधार पर, संस्थागत, उद्येश्यात्मक व्यापारिक संगठन का वातावरण के आधार पर, मध्यस्थता के आधार पर संचार निम्न प्रकार के होते हैं।
1. अंतः वैयक्तिक संचार (Intra Personal Communication)
जब व्यक्ति स्वयं में किसी विचार या अनुभवों से प्रेरित होकर कार्य संपादित करता है तो वह संचार क्रिया अंतः वैयक्तिक संचार कहलाता है। यह संचार मनुष्य में मानसिक स्तर पर होता है जो स्वयं व्यक्ति तक ही सीमित रहता है। उदाहरणस्वरूप जब कोई व्यक्ति सोचता है (स्वयं अपने आपको अपने संदेश प्रेषित करता है) कि वह अगले दिन वह कार्यालय नहीं जाएगा, उकुछ समय बाद स्वैत्तरोत्मक प्रतिक्रिया होती है कि नहीं, संस्थान में आवश्यक कार्यक्रम चल रहा है और बाहर से वरिष्ठ अधिकारी आ रहे हैं, अतः कार्यालय जाना आवश्यक है। यहां व्यक्ति स्वयं अपनी सोच में परिवर्तन कर अपने कार्यों को संपादित करते हैं। यह संचार प्रक्रिया अंतः वैयक्तिक संचार है। इस प्रकार स्वयं अपने अंतःमन में बातचीत करना, सोचना विचार करना आदि प्रक्रियाएं शामिल होता है। जिसमें स्वयं संदेश/सूचना देता है और स्वयं ही उसे प्राप्त करता है, अंतः वैयक्तिक संचार कहलाता है। एक व्यक्ति द्वारा किसी ईश्वर या अन्य शक्तियों की उपासना करना अंतः वैयक्तिक संचार का सर्वोत्तम उदाहरण है।
2. अन्तर वैयक्तिक संचार (Inter Personal Communication)
जब कोई व्यक्ति अपने व्यक्तिगत विचार या सोच को किसी दूसरे व्यक्ति को संप्रेषित करता है, अंतर व्यक्ति संचार कहलाता है। इसमें दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य एक दूसरे के विचार भावना, संवेदना या मतों आदि के परस्पर संप्रेषित करने की क्रिया को अंतर वैयक्तिक संचार कहते हैं। यह संचार आमने-सामने, पत्र व्यवहार, टेलीफोन या मोबाइल फोन द्वारा किया जा सकता है।
3. समूह संचार (Group Communication)
जब एक समूह के रूप में जैसे विचार गोष्टी, कार्य शिविर, सम्मेलन, सार्वजनिक व्याख्यान, सेमिनार, सभाओं आदि में विचारों का आदान-प्रदान होता है, समूह संचार कहलाता है। यहां समूह सभाओं में बोलने वाला व्यक्ति अर्थात सूचना स्रोत, श्रोता की भूमिका में हिस्सा लेने वाले व्यक्तियों में शामिल होता है। समूह संचार का निर्धारण संदेश प्राप्त करने के लिए एकत्रित व्यक्ति समूह से होता है। और व्यक्ति समूह श्रोता को सूचना स्रोत से प्राप्त संदेश द्वारा समूह संचार प्रक्रिया संपन्न होती है।
(i) अन्तः समूह संचार (Intra Group Communication)
जब दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच विचारों या भावनाओं का आदान-प्रदान होता है तो उसे अन्तः समूह संचार कहलाता है।
(ii) अन्तर समूह संचार (Inter Group Communication)
जब दो या दो से अधिक समूहों के मध्य विचारों, संवेदनाओं और मतों का आदान-प्रदान होता है तो उसे अंतर समूह संचार कहते हैं। यहां दो समूहों के बीच विचारों का संप्रेषण होता है।
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4. संगठनात्मक/संस्थागत संचार (Organisational/Institutional Communiation)
संगठनात्मक/संस्थागत ढांचा के आधार पर संचार औपचारिक और अनौपचारिक संचार दो प्रमुख श्रेणी में वर्गीकृत किया जा सकता है – औपचारिक संचार और अनौपचारिक संचार।
(i) औपचारिक संचार (Formal Communication)
जब संस्था या संगठन के अंदर किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति हेतु पूर्णतः दृढ़ता के साथ किसी नियमों या विचारों के अनुपालन हेतु सूचनाओं व संदेशों को प्रसारित किया जाता है तो वह संगठनात्मक या संस्थागत औपचारिक संचार कहलाता है। औपचारिक संचार उद्येश्यात्मक होता है।
(ii) अनौपचारिक संचार (Informal/Grape-wine Communication)
जब किसी संस्था या संगठन में अकारण सूचनाओं/विचारों/भावनाओं का दो विभागीय अधिकारियों/व्यक्तियों के बीच अप्रसंगात्मक सम्प्रेषण होता है, अनौपचारिक संगठनात्मक संचार कहलाता है। अनौपचारिक संगठनात्मक संचार दो व्यक्तियों के बीच होता है जो आपस में दोस्त या परिवार का सदस्य या संस्था के सदस्य हो सकते हैं। बिना किसी नियम या निर्देश के संस्था सदस्यों के बीच विचार या सूचना को अप्रसंगात्मक ढंग से प्रेषित किया जाता है। जिसका दृढ़ता से पालन करने के लिए कोई भी सदस्य उत्तरदायी नहीं होता है। अर्थात बिना किसी कारण के संगठन या संस्था में अनौपचारिक सूचनाओं का संचार होता है, जिसका कोई औचित्य नहीं है।
5. जन-संचार (Mass Communication)
जब संचार बहुआयामी होता है तो संचार जनसंचार कहलाता है। सामान्यतः जनसंचार वह प्रक्रिया है जिसमें वक्ता अपने विचार को एक ही समय में, एक ही स्थान से, अनेक स्थानों पर और अनेक व्यक्तियों और व्यक्ति समूह को संप्रषित कर रहा होता है। यहां किसी समुदाय या समाज के अधिकांश लोगों संचार से लाभान्वित होते हैं। जनसंचार के माध्यम से भौगोलिक एवं समय सीमा समाप्त हो जाता है। जनसंचार माध्यमों में प्रिंट मीडिया, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, समसामयिकी आदि, साथ ही साथ इलेक्ट्रॉनिक माध्यम रेडियो, दूरदर्शन, मोबाइल फोन, फिल्म, इंटरनेट आदि की प्रमुख भूमिका होती है। आज व्यक्ति के जीवन के समस्त पक्षों पर जनसंचार का प्रभाव स्पष्ट परिलक्षित हो रही है।
6. लिखित संचार (Written Communication)
किसी व्यक्ति को पत्र, समाचार पत्र, लिखित रूप से संदेशों को भेजकर हस्तलिखित या मुद्रित स्वरूप में प्रेषित कर सकते हैं। यह लिखित संचार का स्वरूप है।