Meaning of Teaching Attitude – शिक्षण अभिवृत्ति का तात्पर्य

शिक्षण अभिवृत्ति का तात्पर्य (Meaning of teaching attitude)

Teaching Attitude: Meaning and its Importance: शिक्षण अभिवृत्ति का तात्पर्य व्यक्ति की शिक्षण से संबंधित मानसिक प्रवृत्ति, रुचि, योग्यता, दृष्टिकोण और दक्षता से है, जो उसे प्रभावी शिक्षण करने में सहायक बनाते हैं। शिक्षण अभिवृत्ति यह दर्शाता है कि कोई व्यक्ति शिक्षण कार्य में कितना सक्षम, प्रभावी और प्रेरणादायक हो सकता है। यह न केवल विषय की गहन समझ से संबंधित है, बल्कि शिक्षण विधियों, कक्षा प्रबंधन, छात्रों की मानसिकता को समझने और मूल्यांकन करने की कला और कौशल से भी जुड़ा होता है। एक अच्छे शिक्षक में शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण, संप्रेषण क्षमता, नवाचार और विद्यार्थियों को प्रेरित करने की क्षमता होनी चाहिए। एक कुशल शिक्षक में न केवल विषयवस्तु की समझ होनी चाहिए, बल्कि शिक्षण विधियों, छात्रों की मानसिकता, कक्षा प्रबंधन और मूल्यांकन प्रक्रिया की भी जानकारी भी होनी चाहिए। शिक्षण अभिवृत्ति केवल जन्मजात गुण नहीं है, बल्कि इसे प्रशिक्षण और अनुभव से भी विकसित किया जा सकता है। शिक्षकों को शिक्षण कौशल बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं में भाग लेना आवश्यक होता है।

शिक्षण अभिवृत्ति में शिक्षक की भूमिका (Role of teacher in teaching attitude)

शिक्षण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो ज्ञान, नैतिक मूल्य, और कौशल को छात्रों तक पहुँचाने का कार्य करता है। वह न केवल शिक्षण प्रक्रिया का संचालन करता है, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिक्षक समाज के निर्माण में एक केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। वे केवल ज्ञान के स्रोत नहीं होते, बल्कि नैतिक मूल्यों, सामाजिक समझ और व्यक्तित्व विकास के मार्गदर्शक भी होते हैं। शिक्षक न केवल छात्रों के शैक्षणिक विकास में योगदान देते हैं, बल्कि समाज के नैतिक और सांस्कृतिक उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक की भूमिका बहुआयामी होती है, जो निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं में परिलक्षित होती है:

  • ज्ञान प्रदान करना: शिक्षक छात्रों को विषय-वस्तु का गहन ज्ञान प्रदान करते हैं, जिससे उनकी शैक्षणिक योग्यता में वृद्धि होती है। छात्रों को न केवल पाठ्यक्रम का ज्ञान देते हैं, बल्कि व्यावहारिक जीवन से संबंधित शिक्षा भी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • मार्गदर्शन और परामर्श: छात्रों की समस्याओं को समझना और उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करना है। शिक्षक छात्रों की व्यक्तिगत समस्याओं को समझते हुए उन्हें उचित सलाह और समर्थन प्रदान करते हैं, जिससे वे जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सकें।
  • चरित्र निर्माण: शिक्षक छात्रों में नैतिकता, ईमानदारी, सहानुभूति और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे गुणों का विकास करते हैं, जो उन्हें एक अच्छा नागरिक बनने में सहायता करते हैं। नैतिक शिक्षा देकर छात्रों को एक अच्छा नागरिक बनाने में मदद कर एक समृद्ध और प्रगतिशील समाज का निर्माण करने में सहायता करते हैं।
  • सृजनात्मकता और नवाचार को प्रोत्साहित करना: नवीन शिक्षण विधियों के माध्यम से छात्रों को रचनात्मक रूप से सोचने के लिए प्रेरित करते हैं।  शिक्षक छात्रों को उनकी क्षमताओं को पहचानने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं, जिससे उनकी आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  • सकारात्मक वातावरण का निर्माण: शिक्षक कक्षा में एक सुरक्षित, सहायक और समावेशी वातावरण स्थापित करते हैं, जहां सभी छात्र मूल्यवान, सम्मानित और सीखने के लिए प्रेरित महसूस करते हैं।
  • समाज सुधारक: शिक्षक समाज में व्याप्त कुरीतियों के प्रति जागरूकता फैलाते हैं और छात्रों को सामाजिक सुधार के लिए प्रेरित करते हैं, जिससे एक समृद्ध और प्रगतिशील समाज का निर्माण हो सके।

शिक्षक की विशेषताएँ (Characteristics of Teacher)

एक शिक्षक का व्यक्तित्व और उसके गुण छात्रों के शैक्षणिक और नैतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक न केवल ज्ञान का संचार करता है, बल्कि छात्रों के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। एक प्रभावी शिक्षक में निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए:

  • विषय का गहन ज्ञान: शिक्षक को अपने विषय की गहरी समझ होनी चाहिए। शिक्षक को अपने विषय का विस्तृत और सटीक ज्ञान होना आवश्यक है, ताकि वह छात्रों के प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दे सके और उनकी जिज्ञासा को बढ़ावा दे सके।
  • शिक्षण विधियों की समझ: विभिन्न शिक्षण तकनीकों का ज्ञान और उनका उचित उपयोग शिक्षक को प्रभावी शिक्षण में सक्षम बनाता है, जिससे छात्रों की सीखने की प्रक्रिया में सुधार होता है।
  • सहानुभूति और धैर्य: प्रत्येक छात्र की सीखने की गति अलग होती है, इसलिए शिक्षक को धैर्यपूर्वक उन्हें मार्गदर्शन देना चाहिए। एक अच्छे शिक्षक में सहानुभूति होती है और वे अपने छात्रों की भावनाओं को समझते हैं। वे छात्रों को सहानुभूति और समर्थन प्रदान करते हैं।
  • स्पष्टता और संप्रेषण कौशल: शिक्षक को स्पष्ट, प्रभावी और सरल भाषा में समझाने की क्षमता होनी चाहिए। शिक्षक की भाषा स्पष्ट और समझने योग्य होनी चाहिए, ताकि वह अपने विचारों को प्रभावी ढंग से छात्रों तक पहुंचा सके।
  • प्रेरणादायक व्यक्तित्व: शिक्षक को छात्रों को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। शिक्षक का चरित्र और व्यवहार छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत होना चाहिए, जिससे वे नैतिक मूल्यों को आत्मसात कर सकें।
  • नैतिकता और व्यावसायिकता (Ethics and Professionalism): शिक्षक को ईमानदारी, निष्पक्षता और अनुशासन के साथ अपने कार्य का निर्वहन करना चाहिए, जिसका सकारात्मक प्रभाव हमारे समाज पर दिखाई दे।

शिक्षक के गुण  (Qualities of Teacher)

आदर्श शिक्षक समयनिष्ठता, निष्पक्षता, सहृदयता और छात्रों की राय का सम्मान करता है, जिससे वह छात्रों के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आदर्श शिक्षक के गुणों को दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: वैयक्तिक गुण (Personal Qualities) और व्यावसायिक गुण (Professional Qualities)।

शिक्षक के वैयक्तिक गुण  (Personal Qualities of Teacher)

शिक्षक के वैयक्तिक गुण उसके व्यक्तित्व और शिक्षण की प्रभावशीलता को निर्धारित करते हैं। इन गुणों में उत्तम स्वास्थ्य, संवेगात्मक संतुलन, सामाजिक समझ, उच्च चरित्र, नेतृत्व क्षमता, मित्रता और सहानुभूति शामिल हैं।

  • उत्तम स्वास्थ्य एवं जीवन-शक्ति: शिक्षक का अच्छा स्वास्थ्य उसे शिक्षण कार्य में स्फूर्ति और उत्साह प्रदान करता है, जिससे वह छात्रों को प्रेरित कर सकता है।
  • संवेगात्मक संतुलन: भावनात्मक संतुलन शिक्षक को छात्रों की भावनाओं को समझने और उचित प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाता है, जिससे एक सकारात्मक शिक्षण वातावरण बनता है।
  • सामाजिक गुण: सामाजिक चातुर्य, अच्छे निर्णय की क्षमता, साहस, और सहयोग की भावना शिक्षक के व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा होते हैं, जो उसे समाज में प्रभावी बनाते हैं।
  • उच्च चरित्र एवं दृढ़ संकल्प: उच्च नैतिक मानदंड और दृढ़ निश्चय शिक्षक को छात्रों के लिए एक आदर्श बनाते हैं, जिससे वे नैतिक मूल्यों को आत्मसात करते हैं।
  • नेतृत्व की क्षमता: शिक्षक का नेतृत्व छात्रों को प्रेरित करता है और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है, जिससे वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।
  • मित्रता और सहानुभूति: शिक्षक का मित्रवत और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार छात्रों के साथ मजबूत संबंध स्थापित करता है, जिससे वे अपनी समस्याओं को साझा करने में संकोच नहीं करते।

शिक्षक के व्यावसायिक गुण (Professional Qualities of Teacher)

शिक्षक के व्यावसायिक गुण (Professional Qualities) उसकी शिक्षण क्षमता और छात्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अपने व्यावसायिक गुणों के साथ, एक शिक्षक प्रभावी शिक्षण प्रदान कर सकता है और छात्रों के शैक्षणिक और व्यक्तिगत विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। ये गुण निम्नलिखित हैं:

  • विषय का गहन ज्ञान: शिक्षक को अपने विषय में व्यापक और गहन समझ होनी चाहिए, जिससे वह छात्रों के प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दे सके और उनकी जिज्ञासा को संतुष्ट कर सके।
  • शिक्षण पद्धतियों का ज्ञान: विभिन्न शिक्षण विधियों की समझ और उनका उचित उपयोग शिक्षक को प्रभावी शिक्षण में सक्षम बनाता है, जिससे छात्रों की सीखने की प्रक्रिया में सुधार होता है।
  • मनोविज्ञान की समझ: छात्रों की मानसिकता, उनकी आवश्यकताओं और सीखने की क्षमताओं को समझना शिक्षक को उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षण रणनीतियाँ विकसित करने में सहायता करता है।
  • संचार कौशल: स्पष्ट और प्रभावी संवाद क्षमता शिक्षक को छात्रों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने और शिक्षण सामग्री को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में मदद करती है।
  • मूल्यांकन कौशल: छात्रों की प्रगति का सटीक मूल्यांकन और उन्हें उचित प्रतिक्रिया देना शिक्षक के लिए आवश्यक है, जिससे छात्रों को अपनी क्षमताओं और कमजोरियों का पता चलता है।
  • पाठ्येतर गतिविधियों में रुचि: शिक्षक का सहगामी क्रियाओं में सहभागिता छात्रों के समग्र विकास में सहायक होती है, जिससे उनकी रचनात्मकता और कौशल में वृद्धि होती है।
  • अध्ययनशीलता: निरंतर अध्ययन और सीखने की इच्छा शिक्षक को नवीनतम शैक्षणिक रुझानों और विधियों से अवगत कराती है, जिससे वह अपने शिक्षण में सुधार कर सकता है।
  • प्रयोग और अनुसंधान में रुचि: शिक्षक की अनुसंधान के प्रति रुचि उसे नवीन शिक्षण विधियों को अपनाने और शिक्षण प्रक्रिया में सुधार करने में सहायता करती है।

शिक्षण अभिवृत्ति का महत्व (Importance of teaching attitude)

शिक्षण अभिवृत्ति का सीधा प्रभाव शिक्षण की गुणवत्ता और छात्रों की सीखने की क्षमता पर पड़ता है। एक शिक्षक न केवल विषय ज्ञान का प्रसार करता है, बल्कि छात्रों में आत्मविश्वास, तार्किक सोच और नैतिक मूल्यों का विकास भी करता है।

शिक्षण अभिवृत्ति एक महत्वपूर्ण गुण है, जो एक शिक्षक को कुशल, प्रभावी और प्रेरणादायक बनाता है। यह केवल जन्मजात नहीं होता, बल्कि इसे प्रशिक्षण, अनुभव और आत्ममूल्यांकन के माध्यम से विकसित किया जा सकता है। एक अच्छे शिक्षक की पहचान उसकी शिक्षण शैली, छात्रों को प्रेरित करने की क्षमता, और शिक्षण के प्रति उसके समर्पण से होती है।

एक अच्छी शिक्षण अभिवृत्ति वाले शिक्षक न केवल छात्रों में ज्ञान का संचार करते हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर, तार्किक और रचनात्मक बनाने में भी सहायक होते हैं। यह न केवल शिक्षण की गुणवत्ता को प्रभावित करता है बल्कि समाज के समग्र विकास में भी योगदान देता है।

  • यह शिक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी और व्यवहारिक बनाता है।
  • छात्रों में नवाचार, समस्या समाधान और आत्मनिर्भरता विकसित करता है।
  • समाज के नैतिक और बौद्धिक विकास में योगदान देता है।

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