शोध में नैतिकता विभिन्न विषय क्षेत्रों और व्यक्तियों के बीच सामंजस्य स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नैतिकता शोध लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होती है।xt
शोधकर्ता को शोध के निष्कर्षों और कार्यप्रणाली के प्रति ईमानदार रहना चाहिए।
शोध कार्य पक्षपात रहित पूरी निष्पक्षता से करना चाहिए
शोधकर्ता को शोध के लिए प्रयुक्त शोध पद्धति, तथ्यों के सकलन, विश्लेषण, व्याख्या निष्पक्षता से करना और अनुसंधान के अन्य पहलुओं में पूर्वाग्रह से बचना चाहिए।
शोधकर्ता को अपने वादे और समझौते को निभाना; ईमानदारी से शोध कार्य करना; विचार और कार्य में निरंतरता बनाये रखना चाहिए।
शोध में संभावित त्रुटि और पूर्वाग्रहों के प्रति सतर्क रहना चाहिए
बौद्धिक संपदा के रूप में पेटेंट और कॉपीराइट का आदर करना चाहिए। दूसरों की बौद्धिक संपदा को श्रेय देते हुए दूसरों के लेख, आलेख का संदर्भ देते समय हमेशा व्याख्या करना चाहिए।
जब शोध समस्या से सबंधित तथ्यों का संकलन करते हैं तो उसमें उत्तरदाता का व्यक्तिगत जानकारी हो सकती है जिसे गोपनीय रूप से सुरक्षित रखना जाना चाहिए।
शोध कार्य में लगे अन्य सहयोगी का आदर व सम्मान के साथ उनके साथ उचित व्यवहार करना चाहिए। शोध निदेशक का सम्मान करना चाहिए, जिनकी शोध को सुचारू रूप से संपन्न कराने में महत्वपूर्णभूमिका होती है।
शोध कार्य कानून सम्मत और वैध होना चाहिए, इसके लिए शोधकर्ता को शोध सबंधित प्रासंगिक कानूनों, संस्थागत और सरकारी नीतियों को जानाना चाहिए और उनका यथासंभव पालन करना चाहिए।
शोध के माध्यम से सामाजिक भलाई और सार्वजनिक शिक्षा को बढ़ावा देने और सामाजिक नुकसान को रोकने या कम करने का प्रयास करना चाहिए। शोध कार्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रकाशित करना चाहिए।
शोध कार्य पूरी निष्पक्षता, वस्तुनिष्ठता, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, सतर्कता, गोपनीयता के साथ उत्तरदायित्वपूर्ण ढंग से अपने सहयोगी का सम्मान करते हुए करना चाहिए जो वैधानिक, कानून सम्मत एवं वैध हो।