शोध में शोधार्थी को अनुसंधान कार्य पूरा करने के लिए शोध के विभिन्न चरणों से गुजरना पड़ता है।
शोध एक सतत चलने प्रक्रिया है. शोध प्रक्रिया के प्रत्येक चरण की विस्तृत कार्य योजना तैयार करना चाहिए.
शोध समस्या ऐसी होनी चाहिए, जिससे किसी नये ज्ञान की आविर्भाव हो और समसामयिक रूप से उपयोगी हो। इसमें शोधार्थी किसी विशेष विषय क्षेत्र पर कार्य करने के लिए मन:स्थिति बनाता है.
शोधकर्ता शोध से संबंधित शोध प्रबंधों, लेखों व अन्य स्वरूपों में उपलब्ध सामग्री का गहन सर्वेक्षण करता है। जिससे शोधार्थी को शोधकार्य करने की दिशा निर्देश मिलता है।
शोध प्रक्रिया को सही दिशा प्रदान करने के लिए शोध प्राककल्पना का प्रतिपादन करना अत्यंत आवश्यक है। शोध में आंकड़े के संकलन और विश्लेषण के पूर्व शोध के परिणामों का अनुमान करना परिकल्पना है।
शोधार्थी को अपनी शोध समस्या के अनुरूप तकनीकों का सहारा लेने की आवश्यकता होती है। प्रत्येक तकनीक और उपकरण एक विशिष्ट प्रकार के शोध के लिए उपयोगी होता है।